शत-शत नमन करते बहुत बड़ा आभार हो तुम। शत-शत नमन करते बहुत बड़ा आभार हो तुम।
नाज़ुक सी कली है, तो अंगारों में फौलाद है जो बात आए आत्म सम्मान पे तो काली का रूप इन नाज़ुक सी कली है, तो अंगारों में फौलाद है जो बात आए आत्म सम्मान पे तो काल...
चले थे करने अपनी क़ैद में उसकी आज़ादी को उसकी ताज़गी को उस रानी को चले थे करने अपनी क़ैद में उसकी आज़ादी को उसकी ताज़गी को उस रानी को
तुम्हारी शिकायत भी सिर्फ मुझसे ही है। तुम्हारी शिकायत भी सिर्फ मुझसे ही है।
शरीर को चाहिए रोटी, रोटी के लिए बिकता है शरीर, अस्मत और मजबूरी की, जंग जारी है शरीर को चाहिए रोटी, रोटी के लिए बिकता है शरीर, अस्मत और मजबूरी की, जंग जारी है
प्यासी सूनी-अधूरी सी, एक कसक मन को देकर ! प्यासी सूनी-अधूरी सी, एक कसक मन को देकर !